पकड़ा था मेरा हाथ कस के
और दूर तक साथ चलके
मुझे हौसला दिलाया था
उस दिन मै रोया था
पकड़ा था तुम्हारा हाथ कस के
और देर तक मेरा सर सहला कर तुमने
मुझे हौसला दिलाया था
उस देर तक मै खामोश था
और मौन था मेरा मन
उस बेचैनी को तुमने समझा
और मुझे हौसला दिलाया था