Sunday, 21 August 2011

शाम


स्याह शाम में 
सिमट गयी 
सारे शेहेर की उदासी 
और मेरे मन का अँधेरा 

जीवन


चार कोस 
जीवन यात्रा 
प्रारब्ध, प्रारंभ
विस्मय और अंत 

Friday, 15 April 2011

लकीर

दरार की लकीर, सीधी क्यों नहीं होती ?