मेरी अनुभूतियाँ ...
Sunday, 21 August 2011
शाम
स्याह शाम में
सिमट गयी
सारे शेहेर की उदासी
और मेरे मन का अँधेरा
जीवन
चार कोस
जीवन यात्रा
प्रारब्ध, प्रारंभ
विस्मय और अंत
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