Saturday, 12 July 2008

बेचैनी ...

शाम का रंग
हमेशा गाढा लाल क्यों है
संजीदा
स्याह

और
रात इतनी मौन
बेचैन
बेसबब

सुबह होने को है
सुना है
रौशन
चुन्द्लाती

1 comment:

Anonymous said...

bhut khub. ati uttam.