Monday, 8 October 2012



ज़िन्दगी के मायने बदल गए
या मायनों ने 
ज़िन्दगी बदल दी ?

2 comments:

Udan Tashtari said...

कोई अपडेट नहीं?? लिखना जारी रखें.

Ashutosh said...

समीर भाई ,

पिछले हफ्ते आप का ई-मेल देख कर बहुत प्रसन्नता हुई और प्रोत्साहन मिला . सोचा कुछ नया लिख कर ही आप को उत्तर दूंगा . कल देर रात जैसे ही कुछ शब्दों ने मन में कोलाहल मचाया मैंने मोबाइल में ही उन्हें क़ैद कर लिया . नया पोस्ट पढ़े और बताये कैसा लगा .

आशुतोष