मेरी अनुभूतियाँ ...
Thursday, 31 December 2015
नया साल
बेतरतीब सी जिंदगी
इकत्तीस की शाम
घर आती है
और
उम्मीदों के पुलिंदों में
फिर
सिमट जाती है
Tuesday, 17 November 2015
अधूरी कहानी
अपने हाँथो को
मेरे हाथ में
देना कभी
भूली हुई
आधी पढ़ी किताब की तरह
उन लकीरों में
हमारे अतीत को तलाश कर
ताज़ा करना है
Friday, 16 October 2015
उसने कही
उसने कही अपने मन की
हमने सुनी अपने दिल की
आज भी उसके कहे में
अपने सुने की तलाश है
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)