Thursday, 19 April 2007

नेता और नारे ...

अप्रैल का महिने, उत्तर प्रदेश में चुनाव और बढते पारे में निःसंदेह ही गहरा संबंध है । ये एक ऐसा समय होता है जब हमारे प्यारे नेतागण , पिछले चुनाव में विजयी जन - प्रतिनिधि एवं हम जैसे आम आदमी मिल के पसीना बहते है । ये बात अगल है हर एक का तर -ब -तर होने का करण अगल है -
  • नेतागण के लिए, ये जनसेवा की तत्परता है
  • पहले से पदासीन लोगो के लिए, ये मोह और यथार्थ का द्वंद है
  • आम आदमी के लिए .................... (आप खुद ही समझदार है)

नारों का हमारे देश के हर बड़े आन्दोलन से गहरा नाता रहा है । इसी संबंध को सम-सामायिक परिपेक्ष में देखता फुरसतिया जी का यह लेख - हर जोर जुलुम की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है

2 comments:

Vijeta said...

tum itni shudh hindi bol lete ho[:0]

jus felt..Rahul Gandhi is all set to over U.P and expectedly bring prosperity n peace to the state.

P.S: DO VOTE.You 'r the juror.

Ashutosh said...

@ विजेता ,

बस एक चेष्ठा मात्र है .... उत्तर प्रदेश के सामाजिक ताने - बाने और चुनावो के बीच के संबंध को समझने में बड़े-बड़े दिग्गजों ने पूरा जीवन आभूत कर दिया, ये क्या चीज़ है ....

- आशुतोष