Saturday, 28 April 2007

आधार

मेरी फिलॉसफी का निचोड़ है कि - मानव स्वयंसिद्ध है - जिसके जीवन का नैतिक उद्देश्य
स्वयं कि खुशी है - जिसका सबसे महान कार्य सृजन है - और जिसके लिये तर्क ही
सर्वोपरि है - आयन रैण्ड



आयन रैण्ड के दर्शन का निचोड़ , उन्ही के शब्दो में । जिसे आज तक मैं अपने जीवन का आदर मानता हू।

जिन लोगो को हिन्दी समझने में कठिनाई आयी हो, उनके लिए मूल उद्धरण यह रहा -

Achievement of your happiness is the only moral purpose of your life, and that happiness, not pain or mindless self-indulgence, is the proof of your moral integrity, since it is the proof and the result of your loyalty to the achievement of your values - Ayn Rand

अंग्रेजी में अनेक बार पढने के बाद भी हिन्दी में इसे पढने कि अनुभूति कुछ अलग ही थी ।

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