yeh kataaksh kyu?
@ Meetubas yu hi :)-Ashutosh
Magar Janne kyonPhir bhi lagta hainkii hum saath saath hain.....
@ रमेश जी ... आप का comment पढ़ कर नुसरत फ़तेह अली की गाई एक पुरानी ग़ज़ल याद आ गयी है -"फिरते है कब से दर ब दर अब इस नगर अब उस नगर एक दुसरे के हमसफ़र मैं और मेरी आवारगी .... ":)- आशुतोष
sundar!
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5 comments:
yeh kataaksh kyu?
@ Meetu
bas yu hi :)
-Ashutosh
Magar Janne kyon
Phir bhi lagta hain
kii hum saath saath hain.....
@ रमेश जी ... आप का comment पढ़ कर नुसरत फ़तेह अली की गाई एक पुरानी ग़ज़ल याद आ गयी है -
"फिरते है कब से दर ब दर
अब इस नगर अब उस नगर
एक दुसरे के हमसफ़र
मैं और मेरी आवारगी .... "
:)
- आशुतोष
sundar!
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