Friday, 14 August 2009

क्या होता है

क्या होता है
जब जो चाहा
वो नहीं होता

लोगो से सुना था
दुनिया रुक जाती है
पलट जाता है सब कुछ

झूठ है सब

साँसे अब भी
ज्यो की त्यों है
नब्ज़ भी चल रही है

कुछ भी तो नहीं बदला

बदला है तो सिर्फ नजरिया
और मुस्कुराहट में
अब शामिल है दर्द की एक टीस

3 comments:

arjunashokank said...

i like it

arjunashokank said...

i like it

Ashutosh said...

धन्यवाद अर्जुन

आशा करता हू की आप मेरी अन्य कविताये भी पढ़ कर उनपे टिप्पदी करेंगे

आशुतोष